अगर आप या आपके घर के कोई सदस्य विटामिन ए की कमी से जूझ रहे हैं, तो आपने बिल्कुल सही ब्लॉग पर क्लिक किया है। दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे की - विटामिन ए कैसे बढाएं, इसकी कमी से कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं और इसकी कमी होने पर कौन से लक्षण दिखाई देते हैं।
विटामिन A कैसे बढ़ाएं?
विटामिन ए कैसे बढ़ाए ? यह सवाल आज के समय में लगभग लाखों करोड़ों लोग पूछते हैं, तो आईए जानते हैं कि हम अपने शरीर में विटामिन ए कैसे बढ़ाएं ?
दोस्तों विटामिन ए की पूर्ति के लिए मुख्यतः दो प्रकार के स्रोत हैं -
1. मांस, मछली, अंडे और डेयरी प्रोडक्ट्स।
2. फल, सब्जी और हरे पत्तेदार साग।
क्योंकि मैं शाकाहारी हूं और सभी लोगों को शाकाहारी रहने का संदेश देता हूं। इसलिए आज हम इस लेख में केवल शाकाहार फलों और सब्जियों के बारे में ही जानेंगे।
दोस्तों अगर हम बात करें फलों की तो आम, पपीता, अमरूद, खरबुज और खुबानी जैसे फलों में प्रोविटामिन ए केरेटिनॉईड होता है, जिसे हमारा शरीर विटामिन ए में परिवर्तित करता है।
इसी प्रकार हरे पत्तेदार सब्जियों और सागों में - गाजर, शकरकंद, शलजम, कद्दू, केल, बटर नट स्क्वैश, पालक साग, हरा काॅलार्ड साग और शलजम का साग। इन साग और सब्जियों मे बीटा कैरोटीन होता है, जिसे हमारा शरीर विटामिन ए में परिवर्तित कर देता है। अगर आप ऊपर दिए गए फलों और सब्जियों का नियमित रूप से सेवन करते हैं। तो कुछ ही महीनों में आपके शरीर मे विटामिन ए की कमी दूर हो जाएगी।
विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग।
मुख्यत: हमारे शरीर में 13 प्रकार के विटामिन पाए जाते हैं। जिनमें से अगर एक भी विटामिन में बढ़ोत्तरी हो जाए या कमी हो जाए, तो हमारे शरीर में बीमारी उत्पन्न होने लगती है। उन्ही में से एक है, विटामिन ए जिसकी कमी से - सबसे ज्यादा आंखों पर प्रभाव पड़ता है जिसके कारण रतौंधी, केराटोमैलेशिया,बिटाॅट्स स्पाॅटस, ज़ेरोफथाल्मिया।
रतौंधी
जब किसी व्यक्ति को रतौंधी की समस्या होती है, तो वैसे व्यक्ति को रात में और कम रोशनी में ठीक से दिखाई नही देता।
केराटोमैलेशिया
केराटोमैलेशिया की स्तिथि में आंखों में मौजूद कॉर्निया नरम अथवा नष्ट होने लगती है, जिसके कारण अंधापन हो सकता है।
बिटाॅट्स स्पाॅटस
बिटाॅट्स स्पाॅटस की समस्या होने पर आंखों के सफेद हिस्से में छोटे-छोटे धब्बे बनने लगते हैं, जिसके कारण धुंधला दिखाई देने लगता है।
ज़ेरोफथाल्मिया
इस कंडीशन में आंखों में सूखापन के साथ-साथ जलन भी होती है, और संक्रमण का खतरा बढ जाता है।
इन सब समस्याओं के अलावा विटामिन ए की कमी से और भी समस्याएं होती है जैसे -
त्वचा संबंधी समस्याएं
विटामिन ए की कमी से त्वचा शुष्क होने के साथ-साथ खुजली होने लगती है। और त्वचा से पपड़ी निकलने लगती है।
प्रतीक्षा प्रणाली में कमी
इस आवश्यक विटामिन की कमी से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों मे विकास की देरी
अगर छोटे बच्चों में विटामिन की कमी हो जाए तो उनके मानसिक और शारीरिक विकास में कमी हो जाती है।
विटामिन ए की कमी के लक्षण।
विटामिन ए की कमी के कुछ मुख्य लक्षण है।जैसे -
1. कम रोशनी में दिखाई न देना।
2. त्वचा से पापड़िया निकलना।
3. आंखों का सूखना और उनमें सफेद धब्बों का दिखाई देना, भी विटामिन ए की कमी की ओर इशारा करती है।
4. छोटे बच्चों के विकास में देरी होने लगती है।
5. शरीर में संक्रमण की समस्या होने लगती है।
क्यों जरूरी है विटामिन ए ?
विटामिन ए हमारे शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि इससे हमारे शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्य सफल होते हैं जैसे: दृष्टि - आंख में मौजूद प्रकाश संवेदनशील तंत्रिका कोशिका के कार्य मे सहायक होता है, जिससे हमारी आँखों को रात में देखने में सहायता मिलती है।
कोशिका विकास कार्य - यह त्वचा को स्वस्थ अथवा आंतों फेफड़े और मूत्र मार्ग की परत को बनाए रखने में सहायता करता है।
प्रजनन में आवश्यक - यह विटामिन स्वस्थ प्रजनन प्रणाली के लिए भी, बहुत ही आवश्यक है।
संक्रमण से रक्षा - यह विटामिन शरीर में होने वाली संक्रमण से भी रक्षा करती है।
सावधानी - आयुर्वेद कहता है कि अगर आप किसी भी प्राकृतिक वस्तु को औषधी के रूप में सेवन कर रहे हैं, तो प्रत्येक 3 महीनों के अंतराल में 15 दिन का गैप लें। ताकि आप जिस भी प्राकृतिक पदार्थ का सेवन कर रहे हैं, उसके कोई दुष्परिणाम ना हो। अधिक जानकारी के लिए किसी चिकित्सकों से संपर्क करें।
दिया गया फोटो Pixels से लिया गया है।
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